लाज़मी
लाज़मी
के ये दुख होना भी लाजमी है
तकलीफ हर एक के नसीब में नहीं होती
मोहब्बत तुम्हीं से है तो बस तुम्हें सोच कर आँसू आ जाते हैं
ये आँखे हर किसी के लिए नहीं रोती।
के ये दुख होना भी लाजमी है
तकलीफ हर एक के नसीब में नहीं होती
मोहब्बत तुम्हीं से है तो बस तुम्हें सोच कर आँसू आ जाते हैं
ये आँखे हर किसी के लिए नहीं रोती।