कैसा
कैसा
कोई न जाने तो जताना कैसा
दिल रोया है तो मुस्कराना कैसा
रूठे हो तो बस रूठे रहना
मोहब्बत न सही तो निभाना कैसा
हा हो गई दुरीयां तो सबसे बताना कैसा
तू खुश रहे मेरा मुस्कूराना कैसा
अब छुपाना कैसा कि मोहब्बत तुम्हीं से है मुझे
कोई पूछे तो इसमें शर्माना कैसा।