रोक सकेगा कैसे
रोक सकेगा कैसे
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जो हारने को राजी नहीं
उसे हराओगे कैसे
जीत की ओर कदम जिसके
उसे हराओगे कब तक, कैसे
जो गिरता है और उठता है
सतत अभ्यास से स्वयं को घिसता है
जो निखारने में लगा है सतत
उसे जीतने से तुम रोकोगे कैसे
जीत का अभियान नहीं
हार का गुमान नहीं
जो किसी भी परिस्थिति में परेशान नहीं
जो जूझता है सतत संकटों से
उसे राह से हटा पाओगे कैसे
जीवन से प्रेम की जिसने ठानी है
मौत तो समझो, उसकी पट रानी है
हर चोट पर संवरती जिसकी कहानी है
हिम्मत और मेहनत की जिसने सदा मानी है
उसे कौन, कब तक, रोक सकेगा कैसे.