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Nalanda Satish

Abstract

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Nalanda Satish

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रंगत

रंगत

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फूलों की खेती करनेवाले हाथों में

महक रह जाती हैं 

उम्दा मेहनत करनेवाले इन्सानों पर 

किस्मत मेहरबाँ होती है ।।


बेमौसम की बदलीयों से

आसमान की रंगत बदल जाती है 

तितलियों के पंखों से

पराग की सुगन्ध छा जाती है ।।


सरकती हुई धूप वक्त का

मिज़ाज बता देती है

पलकों की सरहदें आंसूओं की

कीमत बता देती है ।।


गुरबत बड़ी शर्मिली 

सिर पर चादर डाल देती है

इश्क़ में भीगे हुये कागज़ों को

हवा उड़ा ले जाती है ।।


औरों के इशारों पर चलनेवाले 

मंज़िल तक जा नहीं सकते

बंजर जमी बुलंद इरादों से ही

नम हो जाती है।।



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