रंगीली ऋतु
रंगीली ऋतु
बूंदें सावन की रही पुकार
घटा घनघोर रिमझिम फुहार।
नाचे मोर झूम-झूम
रंगीली ऋतु में त्योहारों की मची है धूम ।
धुली धुली धवली चांदनी
तारों की झिलमिल से सजी मेरी बांधनी।
बागों में इठलाते झूले
राग मल्हार में ता ता थैय्या करते ,
मौसम ने ली है क्या खूब करवट।
इंद्रधनुषी चादर ओढ़े बज रही है सरगम।