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Nalanda Satish

Abstract Action

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Nalanda Satish

Abstract Action

रंग और नूर

रंग और नूर

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कलम की हो दावेदारी लहू से अपने

यह इतिहास दोहराएगा तुझको जंजीर तू याद रखना


इन जलजलों ने निखारी है तकदीर तेरी

आसमां में देखते वक्त बादशाहत अपनी तू याद रखना


रंग और नूर की शै से मोहलत मिली है तुझको

खत्म न हो जाये यह दरियादिली तू याद रखना


तारीफ़ें हमेशा ले आती है खामोश जिम्मेदारी

सबको नहीं मिलती है यह शाबाशी तू याद रखना


दहकते मासूम दुआओं ने अर्श से मांगी है बददुआ

नहीं गुजरेंगे अब जन्नतों से काफ़िले तू याद रखना


चंद लम्हों ने मिटा दी 'नालंदा' बरसो की कशीदाकारी

मंजूर न होगी माफ़ी शायद यह तू याद रखना



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