रिश्तों की पोटली
रिश्तों की पोटली
भगवानने कितना सारा दिया हैं
प्यार करनेवालों की पोटली गिफ्ट में दी हैं
हर रिश्ते की हर एक अदा
माँ-बाप का प्यार ही अलग।
उन पर मेरे सौ जन्म न्यौछावर
भाई-बहन का रिशता सच्चा
जानता है हर एक बच्चा
पती-पत्नी सात जन्मों के साथी
इस पवित्र रिश्ते की कितनी है ख्याति
चाचा-चाची, मामा-मामी
बचयोंके प्रेम के न्याती
बेटा-बेटी नये रिश्ते जोड़ते हैं।
खानदान का नाम रोशन करते हैं
ऐसी अलीबाबा की गुहा हैं हमने पायी
रिश्तों की ये पोटली दिल में है छुपाई।
