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Sumit. Malhotra

Inspirational

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Sumit. Malhotra

Inspirational

रिश्ता-ए-प्रेम

रिश्ता-ए-प्रेम

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आओ मिल कर करे ये प्रयास,

कि फिर नया सवेरा प्यार का लाना है।

आशाओ के दीपों को जलाकर,

हमे अपनी सालगिरह को मनाना है।

जीवन है सदाबहार, ऐसे रहे अपना प्यार,

खोना-पाना रीत जग की,

हमे फिर भी साथ निभाना है।


ऐ माझी इस संघर्ष रूपी तूफान की

परवाह मत कर परवाह कि हिम्मत से

जीवन रूपी नाव किनारे लगाना है।

हार-जीत तो सदा रहे जीवन के दो पहलू,

कि साहस तो रखे, बहारों को फिर

आना है।


वीराने अंधकार में भी प्रकाश रूपी

फूल खिलाना है, वीरता से इस जंग से

लड़कर विजयी चिन्ह जिंदगी को

बनाना है।

पतझड़ में गिरते है पत्ते पर पेड़ को

नहीं गिरवाना है,

दूर तक देखो ना साथी कि बंसत-बहार

को फिर आना है।

बह जायेगा दुख रूपी बाढ़ में सामान

पुराना,

प्रिया हिम्मत रख कि धूप-प्रकाश

भी फिर आना है।


कोई ग़म रहे ना रहे रहा भी तो

समझो पुराना है,

दिलबर ग़म ना कर हमे रिश्ता-ए-प्रेम

निभाना है।

धन-दौलत, सुख, ख़ुशियाँ रहे ना रहे

परवाह मत कर,

हमे तो बस अपनी प्यार रूपी नौका को

मिलकर चलाना है।

हर रात के गहन अंधकार के बाद

नयी सुबह को फिर आना है,

कर्म कर भाग्य पर ना भरोसा कर,

अगर जीवन को सुखमय बनाना है।


नये युग के सुख-दुख रूपी सूर गाते-गाते

मौज-मस्ती मे खो जाना है,

गिले-शिकवे ना कर ये रस्मो-रिवाज पुराना है।

आओ मिल कर करे ये प्रयास,

कि फिर प्यार रूपी नया सवेरा लाना है।


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