रौशनी का ना हो बँटवारा
रौशनी का ना हो बँटवारा
ज्योतिर्मय जग कर दें सुख पाएं बहुतेरे ,
आओ सब मिलकर घर घर दीप जलाएं रे !
मिलकर दीप जलाएं और मिटाएं अंधियारे ,
रोशन कर दें अवनी से अम्बर तक सारे !
दिवाली त्यौहार मिलकर मनाओ भाई रे ,
उनकी मदद करो, जो हैं दीन दुखियारे !
जो आज अकेलेपन का संत्रास झेल रहे ,
उनको भी अपनी खुशियों में भागीदार करें !
घर के आँगन चौबारे में सजायें झालरें ,
रंगोली सी हंसी से खिलखिलाएं चेहरे !
रौशनी का ना होने दें किंचित बंटवारे ,
इस एक बात का बारीकी से ध्यान रहे !
ज्योतिर्मय जग कर दें सुख पाएं बहुतेरे ,
आओ सब मिलकर घर घर दीप जलाएं रे ।
