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Pinky Kumari

Romance

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Pinky Kumari

Romance

रात सितारों में ढूंढते रहे

रात सितारों में ढूंढते रहे

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रात सितारों में ढूंढते रहे,

चेहरा तुम्हारा,

इतने में पूछने लगी परछाइयाँ,

हमसे मकसद हमारा।


मैंने कहा ढूंढ रही हूँ मैं,

अपनी साँसों की सरकार,

उसने कहा कैसा है ये प्यार,

जिसमें खो गया तेरा सारा करार।


मैंने कहा,

तू क्या समझेगी मेरा प्यार,

तू तो खुद,

अंधेरों में भूला देती है

अपना दिलदार।।


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