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रात का ख्वाब

रात का ख्वाब

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वो कहते हैं रात हो गयी,

सोते क्यों नहीं

हम कहते हैं...


अभी तो दिल को सुकून आया है

रात का चाँद भी ठंडक लाया है।


जाम का असर थोड़ा हो रहा

खुद से अब प्यार हो रहा ।


अब सोच कुछ हलचल कर रही

साँस भी थोड़ी चल रही ।


प्यास अब बुझने है लगी

कोई कहानी बनने लगी।


इससे पहले नींद आ जाये

एक सपना देख लूँ


फिर मैं भी सो जाऊँगा

दूसरों की तरह बेहोश हो जाऊँगा।।


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