STORYMIRROR

Nisha Nandini Bhartiya

Drama

4  

Nisha Nandini Bhartiya

Drama

अनजान सफर

अनजान सफर

1 min
407

बहुत मुश्किल है वो नटखट से 

बचपन को भूल जाना।


स्कूल देर से पहुंचने पर 

वो बीमारी का बहाना बनाना 

होमवर्क न करने पर वो पीछे की सीट पर

सिर झुका कर छिप जाना।

बहुत मुश्किल है वो नटखट से 

बचपन को भूल जाना।


छिपकर वो पेड़ों पर चढ़ना  

मित्रों संग खेलना-कूदना शोर मचाना 

पिता के डांटने पर माँ के पीछे छिप जाना।

बहुत मुश्किल है वो नटखट से 

बचपन को भूल जाना।


परीक्षा के आते ही वो रट्टे लगाना 

रिजल्ट के डर से वो मंदिर में जाना।

छोटी-छोटी बातों पर वो रूठना मनाना।

बहुत मुश्किल है वो नटखट से बचपन को भूल जाना।


बरसात के पानी में वो कागज की नाव चलाना 

धर्म भेद भाव भूलकर वो सबको गले लगाना 

नानी से कहानी सुनना और बतियाना

बहुत मुश्किल है वो नटखट से बचपन को भूल जाना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama