राक्षस
राक्षस
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पहले आती थी
तितलियाँ,
गौरैया,
गिलहरियाँ
बागों में,
अपनी चंचलता से
हृदय पुलकित करने।
किन्तु सम्भवतः
छिप गयीं हैं
अपने घरों में,
क्योंकि
भयभीत हैं
वो भी कि
हवस में
मग्न हुए
मानव रूपी राक्षस
कहीं उनका ही
भक्षण ना कर बैठें।