राजनीति पर दोहे
राजनीति पर दोहे
राजनीति के शास्त्र से, नेता करते घाव।
गाँव-गाँव में घूमते, करें प्रचार चुनाव ।।
राजनीति के चक्र में, तजे मान-ईमान।
नींव झूठ धोखाधड़ी, नेता बने महान।।
जिससे भी जितना मिले, जल्दी सभी बटोर।
ज़ुल्म-झूठ धोखा सँगी, पक्के रिश्वतखोर।।
