राही
राही
बढ़ता चल मुसाफ़िर,
तू बढ़ता चल मुसाफ़िर।
मंज़िल भी मिल ही जाएगी,
तू मेहनत कर मुसाफ़िर।
खीचेंगें पैर तेरे लोग ,
तू जमकर चल मुसाफ़िर।
आएगी ढेरों समस्याएं ,
तू हल निकालता चल।
मत ओझल हो दूसरों की बातों से,
तू अपनी बातें सुन।
बढ़ता चल मुसाफ़िर,
तू बढ़ता चल मुसाफ़िर।