राधा का घनश्याम
राधा का घनश्याम
बेपनाह मोहब्बत थी उसकी
हर साँस पे उसका नाम था,
तनहाई में सपने उसके
बुनता सुबहो-शाम था,
चाहत थी उसको पाने की
लबों पे उसका नाम था,
एक वही बस दर्द था उसका
एक वही आराम था,
बेपनाह मोहब्बत थी उसकी
हर साँस पे उसका नाम था,
प्रेम की करुणा में डूबा
वो राधा का घनश्याम था।