प्यारी गुड़िया
प्यारी गुड़िया
चाँद की नुर हो तुम
गीत ग़ज़ल की धुन हो तुम
मेरी सांसो की संगीत हो तुम
तेरे बैगर गुड़िया जीवन का सुर नहीं
रातों की रौशनी हो तुम
बातों की चाशनी हो तुम
मेरे यादों की तस्वीर हो तुम
तेरे बैगर तृप्ति जीवन का नूर नहीं
ख्वाबों की नींद हो तुम
मन की चैन हो तुम
मेरे ख़्यालों की तदबीर हो तुम
तेरे बैगर गुड़िया मेरी तकदीर नहीं
लेखनी की शब्द हो तुम
कहानियों की पात्र हो तुम
बागों की खुशबू हो तुम
मेरे हाथों की रेखा हो तुम
तुमसे ही संवरता मेरा जीवन
मेरे ख़्यालो में तेरी तस्वीर है
मन की व्यथाओँ में सिर्फ तुम हो
नयनों की पल्कों में तुम ही वज़ीर हो
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