प्यार
प्यार
तुम पर आ रहा प्यार बड़ा
मत जा मुझसे दूर जरा
तन्हाई मुझे सताती है
ये कैसी बेइंसाफी है
इंतज़ार में खोया रहता हूँ
तुम पर जान छिड़कता हूँ
फिर भी मुझसे कटती हो
दूर क्यों मुझसे रहती हो
आगोश में मेरी आ जाओ
प्यार में तुम भी खो जाओ
क्या रखा है तानाकशी में
उलझन भरी जिन्दगी में
जीवन खोया रहता है
अत्यंत कष्ट होता है
बेचैनी भी रहती है
अंधियारा भी रहता है
उजाला भी नज़र आता नहीं
तुम भी खोई रहती कहीं
प्रेम से जीवन बिता लो ज़रा
मुझ पर उपकार कर दो ज़रा
मुस्कान के दो पल दे दो मुझे
जीवन में कृतार्थ कर दो मुझे
तुम ही मेरा जीवन
तुम ही मेरा यौवन
तुम हो तो है ख़ुशी
तुम ही से है मेरा जीवन सुखी।