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प्यार की तलाश

प्यार की तलाश

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कहानी आज नई सुनाती हूँ

एक था लड़का और एक थी लड़की

दोनों में प्यार की तिष्नगी भड़की।


सात फेरे लेकर बन गए वो हमसफ़र,

उस के बाद शुरू हुई जीवन की नई डगर

दोनों मिलकर बहाते थे बेशूमार प्यार की बारिश

इसी प्यार के मौसम में आई इक नई ख्वाहिश।


पत्नी को ज्यादा टीवी सीरियल से लगाव था

पति को भी करना हीरो वाला प्यार था।

पति बेचारा इश्क ए समंदर बहाके ले आता,

कमियाँ उसमें खोजना पत्नी को यही भाता था।


बेचारा आँखों से बातें करने को तरसता,

शिकवा शिकायतें से जगड़ना पत्नी को यही आता था,

पति का हाल जानू जानू करके बेहाल था।


बहुत हुआ टीवी वाला प्यार का दिखावापन,

अब तुम्हीं रहो तुम्हारे टीवी वाले आँगन।

रूठ गया पति चल पड़ा करके दिल के टुकड़े हजार।


जिंदगी की राहों में कमबख्त अकेली जब हुई पत्नी,

तभी समझ आयी, निकल पड़ी वो,

समेटने अपना खोया हुआ प्यार,

पति को उसने आँगन में ही पाया।


तेरे संग जिंदगी बितानी पत्नी ने फरमान सुनाया

ना अब दिखावे वाली टीवी की दुनिया में जीऊँगी,

अब पति के संग जिंदगी खुलकर प्यार से बिताऊँगी।


पति पत्नी दोनों प्यार से जिंदगानी जीने लगे,

प्यार भरे अंदाज़ से पूरी हुई ये कहानी।


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