प्यार की रीत
प्यार की रीत
प्यार की रीत सदा ही आप निभाया कीजिये,
अगर अपना रूठे तो आप मनाया कीजिये।
शिकवे गिले न रहे कभी कोई भी मन में ,
दिलों में प्रेम के फूल आप खिलाया कीजिये।
अना की कोई दीवार आड़े न आये कभी,
प्रेम के हर पल का लुफ्त आप उठाया कीजिये।
विश्वास और त्याग की डोर थामे रहे आप,
प्रेम पूरित रिश्तों को आप यूँ बचाया कीजिये।
हर दुख तकलीफ में साथ रहे आप सदा ही,
इस तरह एक दूजे के काम आप आया कीजिये।
तकरार भी होती रहती प्रेम के संग में सदा,
छोटी छोटी बातों को दिल से न लगाया कीजिये।
एक दूजे के लिए मन में सदा ही सम्मान रहे,
सम्मान पर एक दूजे के आँच न लगाया कीजिये।
प्यार की रीत छल धोखे कपट से नही निभती,
दिलों को साफ आईने की तरह बनाया कीजिये।