प्यार की अहेमियत
प्यार की अहेमियत
किसी के सामने देखने से कभी प्यार नहीं हो जाता,
नजर से नजर मिलाये बिना जाम भी नहीं छलकता।
कोई दिल से प्यार करे तो उसका तिरस्कार नहीं होता
कोई प्यार में बेवफ़ाई करे तो उसे ईन्सान नहीं कहा जाता।
कोई प्यार को खिलौना समझे तो उसे खिलाडी नहीं कहा जाता,
कोई रोज नया प्यार ढूंढे उसे फ़रिश्ता नहीं कहा जाता।
दो दिलो के बीच के बंधन को फ़ासला नहीं कहा जाता,
जहां प्यार हमेशा बहता है उसे मजबूरी नहीं कहा जाता।
कोई मतलब से प्यार करे तो उसे प्रेमी नहीं कहा जाता,
पत्थर-ठोकरें खाये बिना "मुरली" मजनूं नहीं बना जाता।