प्यार का मुक्तक
प्यार का मुक्तक
तेरी हर बात पत्थर की लकीर जैसी ,
तेरे चेहरे की सादगी सच्चे वकील जैसी,
तेरे व्यवहार से मैं हूं तुझ पर फिदा,
तेरे साथ की वजह से मैं हूं अमीर जैसी।
तेरी यह आदत तुझे बढ़ने नहीं देगी,
इश्क के अनकहे किस्से पढ़ने नहीं देगी,
तोते सा कर देगी कैद तुझे पिजड़े में,
मगर तोते सा गगन में उड़ने नहीं देगी।
प्यार में सीखें अच्छी नहीं लगती,
प्यार में बातों की तामील नहीं लगती,
वक्त का जरा ध्यान रखना,
यहां वक्त की देरी अच्छी नहीं लगती।