प्यार, इश्क मौहब्बत
प्यार, इश्क मौहब्बत
जिस्म देखकर करते मोहब्बत, कुछ औरत-मर्द की बात सुनो
प्रेम पाये जो तन की नुमाईश से, न इज्जत की वो बात करें||
पहन मुखौटा सच्चे प्रेम का, फिर झूठ, फरेब की तरकीब बुनों
शादी की बात तो कोषों दूर है, चाँद-तारे तोड़ने की बात करें||
ताने संग खूब बात सुनाये, ना पत्थर दिल फिर इतने बनों
पहले भाव दिखाती जो सेवा, समर्पण, वही अकेले रहने की बात करें||
सरल, साधारण हो जीवन अगर तो, स्वर्ग से घर के सपने बुनों
रोज बदलते आचार-विचार तो, सदा रिश्ते टूटने के आधार बने||
दिल के साथ कभी छल न चलेगा, शांत चित्त से ये बात गुणों
बरकरार रहेगी शानो-शौकत, प्रेम भी एक मिशाल बने||