कोरोना की टूटेगी अब ये कड़ी....
कोरोना की टूटेगी अब ये कड़ी....
कोरोना की टूटेगी अब ये कड़ी,
तू संभल जा अभी के अभी ।।
लंबी-लंबी बातों को तुम छोड़ो,
जिंदगी में मास्क व दूरी को तुम जोड़ो
फिर ना कहना बताया नहीं।
कोरोना की टूटेगी अब ये कड़ी,
तू संभल जा अभी के अभी ।।
उन बातों का कहना भी क्या,
जिन बातों में चिंतन न हो।
उन संदेशों का लिखना भी क्या,
जिनमें जीवन की चिन्ता न हो।
वह बातें,बातें नहीं,
जिसमें कोई परवाह ना हो।
बात समझो अभी के अभी,
कोरोना की टूटेगी अब ये कड़ी।।
आज से अपना वायदा रहा,
हम रखेंगे दूरी सदा,
खुशी की दुनियां बसायेंगे हम,
कोरोना की दुनियां का डर छोड़ कर।
जीने की ही सबको पड़ी,
आ गयी कोरोना विदाई घड़ी।
लाख खतरा हो तो तुझसे तो क्या,
ईश्वर से तू बड़ा तो नहीं।
दुआओं की हर सोच पर,
तेरा तो पहरा नहीं।टूट जाएगी...
टूट जाएगी,तेरी कड़ी,समस्या नहीं है ये बड़ी।
कोरोना की टूटेगी ये कड़ी,
तू संभल जा अभी के अभी।।
अस्पताल में बेड नहीं,
ऑक्सीजन व दवाई की कमी
कैसे बचेगी ये जिंदगी,
कोरोना की टूटेगी अब ये कड़ी,
तू सम्भल जा अभी के अभी।।
हमारी लापरवाही का ऐसा मिला सिला।
देश और विदेश तक हिला,
वैक्सीन से कैसा है गिला,
सभी को तो है जीना।
टूट जायेगी ..टूट जाएगी अब ये कड़ी।।
तू संभल जा अभी के अभी।।