STORYMIRROR

Dr. Satyam Bhaskar

Tragedy

3  

Dr. Satyam Bhaskar

Tragedy

प्यार बिना दवाई किस काम की

प्यार बिना दवाई किस काम की

1 min
28

जब प्यार न मिला, तो विटामिन की गोली किस काम की, 

अपनों का सहारा न मिला, तो वेन्टीलेटर किस काम की, 

नज़र फेर कर जुड़े रहे, तो सुईयां किस काम की, 

कोई तो अपना होता, जो हाथों में हाथ धर ढाढस देता, 

ये सब बस एक धोखा है, तो जिंदगानी किस काम की, 


उलटी गिनती शुरू हुई, डाक्टर ने कहा कुछ नहीं हो सकता, 

कुछ पल के मेहमान है, एक आवाज़ आई

डाक्टर साहब आपकी दवाई किस काम की, 

मैं सब महसूस कर रहा था, प्यार को मैं तरस रहा था, 

फफक फफक कर, सिसक रहा था, 

आँसू भी नहीं आए आंखों में, वहाँ जमा भीड़ किस काम की, 


बस अब चलने को था, दुनिया छोड़ने को था, 

जिसके लिए भूखा रहा, वो पूछ रहा था, 

डाक्टर साहब अब और कितना समय है, 

सांस निकली, प्राण पखेरू, उड़ गए, 

ताक रहे थे सारे वहाँ, 

अब पोस्टमार्टम की बारी थी, 

बोटी बोटी काट डाले, मैं सब देख रहा था, 

रिपोर्ट में लिखा, भावनाओं की हत्या हुई, 

प्यार की कमी से इनकी मृत्यु हुई..



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy