पूनम
पूनम
जो होना है वह होकर रहेगा...
जानेवाला जाएगा ही...
उसे रोकने से कुछ फायदा नहीं...
हां पर...
तुम पीछे मत हटना...
सच की संगत छोड़...
झूठ को सहारा ना देना...
तेरा भी दिन आयेगा...
नाउम्मीद ना होना तुम...
आखिर खेल तेरे हाथ में है...
और...
चोंच देनेवाले को भी है फ़िक्र...।।१।।
तू अकेला कहां है...
तुझे है तेरी साथ...
ढूंढना है तुझे तेरी राह...चल अकेला...
हो जाने दें थोड़ी सी देर...
धीरज रख...
सुबह फिर होगी...
रात गुजर जाएगी...
चोंच देनेवाले को भी है फ़िक्र...।।२।।
हर नया दिन नई निराशा हाथ लगती है...
सपने तो अनगिनत हैं...
कैसे पूरे कर पाऊंगा...
अमावस की रात जो है नसीब में...
आशा है पूनम के रात की...
आयेगा योग पूनम के रात की...
बस तू निराश ना हो...
जिद्द ना छोड़...
मुठ्ठी में होगा आकाश...
यूं घबराहट में पीछे ना हट जाना...
आंधी देख पैरों को डगमगाने ना देना...
फिर नयी सुबह, नयी आशा...
बिते कल को, दुखों को भूल जा तू...
चोंच देनेवाले को भी है फ़िक्र...।।३।।
चोंच देनेवाले को भी है फ़िक्र...
तू अकेला कहां है...
तुझे है खुद की साथ...
ढूंढना है तुझे तेरी राह...चल अकेला...
हो जाने दें थोड़ी सी देर
धीरज रख...
सुबह फिर होगी...
रात गुजर जाएगी...
चोंच देनेवाले को भी है फ़िक्र...।।४।।