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Archana Saxena

Inspirational

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Archana Saxena

Inspirational

संकट टल जायेगा

संकट टल जायेगा

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माना घोर तिमिर है राही

राह भी तो आसान नहीं है

हाथ को हाथ सुझाई ना दे

मंजिल का भी ज्ञान नहीं है


फिर भी मत रुक जाना राही

तेरा काम है चलते जाना

कुछ ही कदम बस और बढ़ा ले

निश्चित है फिर मंजिल पाना


रात अमावस की है काली

चाँद ना जाने कहाँ सो रहा

तारे तक न दिखाई देते

अँधियारा ये बड़ा घनेरा


हर एक रात के बाद सवेरा

अपनी भी सुबह आएगी

अंबर पर फिर सूर्य उगेगा

और धरा फिर मुस्काएगी


जिस संकट में आज घिरे हैं

वह जल्दी ही टल जायेगा

दुखों का बादल अब जो उड़ेगा

फिर न कभी वापस आएगा


प्रकृति को मत छेड़ ओ वंदे

तुझसे बस इतना कहना है

तुझको वह कितना कुछ देती

तुझे भी वापस कुछ देना है


पर तू तो बस छीनता जाता

उसका कहर भी फिर है बरसता

कुछ लोगों की करनी को फिर

ये सारा जग कितना भुगतता।


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