पुरानी यादें
पुरानी यादें
उतार फेंके अपने पुराने, दिनों के बुरी यादें ,
सबने किए जो तुमसे, बड़े बड़े कसमें वादे,
जमाने की नई रीत से मिल के चलो तुम,
नए इरादे, नए उम्मीद से, बढ़ चलो तुम।
जिस दिन बदल जायेगी हमारी सोच,
ना रहेगा इस ज़माने का तब कोई लोच,
पतझड़ के बाद फिर से पेड़ हरे होते हैं,
इंसान हर बार गिर कर, फिर खड़े होते हैं।