पुणे का सफर
पुणे का सफर


मेरा ये सफ़र पुणे का सफ़र
पता ना था जाना था किधर
बस करना था सफ़र
पुणे का सफ़र
रवि के जागने से पहले
जब मैंने आखों की खिड़की खोली
हवाओं ने मुझसे बोला,
करना है तुझे पटना का सफ़र
मैं भी था आस में सफ़र के प्यास में
शुरु हुआ जब ट्रेनों का सफ़र
मैं, ट्रेन और टिकट बने हमसफर
हर पल लगे मंजिल आ गई वाह !
ये ट्रेन हमें भा गई
जब पंहुचा इस छोटी मंजिल
पर मन में पुणे की प्यास थी
तभी याद आई, २२ घंटे शेष मेरे पास थी
मेरा था सफ़र पुणे का सफ़र
अगली सुबह मैंने खुशी का इजहार किया
इस ठण्ड भरी हवा से बेपनाह प्यार किया
पहुँच एयरपोर्ट मैंने टिकट ली
कई तस्वीरें अपने कैमरे में भर ली
शुरु हुई जब हवाई यात्रा मैं अंजान था
लेकिन मेरे पास मेरा खुद का सामान था
फिर मैंने बादलों से बाते की इस कदर
लगा वो मुझसे मिलना चाह रहे हो पहर दो पहर
हमने भी इतराया था
जब खिड़की से सूरज अंदर आया था
हर पल बेचैन था चित्रों में
जैसे बाँटनी हो हर खुशी मित्रों में
पता नहीं कब मंजिल आ गई
बस देखते ही देखते मुझे पुणे भा गई
मेरा ये सफ़र ...पुणे का सफ़र...
था बेखबर तब ऑटो ने राह दिखाई
हमें हर मंजिल को पार कर होटल पहुँचाई
चला कमरों में अपने सारे काम पूरे कर
लगा बिछी हो सारी दुनिया मेरी खिड़की पर
लगी भूख जमके मैंने हेड को याद किया
नहा के, अपने मन को पिज़्ज़ा हट में पार्क किया
दोस्तों से बातें कर मैंने पिज़्ज़ा स्प्राइट की स्वाद ली
तब जाके मुझे घर के खानों की याद मिली
फिर पहुँच होटल में 19 से मिलने की आस थी
आखिर हमें होटल घुमने की भी प्यास थी
मेरा ये सफ़र ....पुणे का सफ़र..
सबसे मिलने की आस घटती जा रही थी
क्योंकि समय दुगनी तेज़ी से बढती जा रही थी
अंततः हम मिले रात को, जब समय खाने का आया
थोड़ा हिचकिचाया थोड़ा गप्पे लड़ाया
ये भी क्या कम था जब 2 बजे किसी ने दरवाज़ा खटखटाया
मैंने दरवाजा खोला रूममेट को देख कर थोड़ा चैन आया
सुबह की पहली किरण मेरे पास आई
मुझे ओर रूममेट दोनों को जगाई
हमने स्नान किया फिर नास्ता चाय और थोड़ा खास्ता
देखते देखते 8 बज गए
हम नई मंजिल को निकल गए
मैंने उनकी सारी बातों पर ध्यान दिया
सबने मुझे पूरा सम्मान दिया
हमने मस्ती भी की थोड़ी कुश्ति भी की
मेरा ये सफ़र ....पुणे का सफ़र..
फिर रात ढल आई
हमने होटल से रेस्टोरेंट की और दौड़ लगाई
अब न कोई अंजान थे
मोज़िल्लियन सबके पहचान थे
हमने खाना खाया कुछ इस कदर
जैसे रहते हो साथ उम्र भर
फिर सड़कों पे सैर की ना किसी से बैर की
होटल को प्रस्थान किया फिर आराम किया
अगली सुबह की सबको आस थी
क्योंकि डेलीरूटीन सबके पास थी
मेरा ये सफ़र ...पुणे का सफ़र..
आगली सुबह कुछ खास थी
सबके आखों में कुछ नई बात थी
हम नई मंजिल पर पहुंचे और काम शुरू किया
आज थोड़ा कम आराम किया
हमने आपनी मेहनत से मोजिल्ला को सलाम दिया
आज कुछ तो बात थी
एक ओर उपहारों की कतार थी
सबने उपहार लिए और चित्रें सहेजे
आज मोजिल्ला की बरसात थी
अब विदाई की समय आ रहा था
थोड़ा थोड़ा दिल घबरा रहा था
मेरा ये सफ़र .......पुणे का सफ़र.......
आज हमने मंदिर के दर्शन भी किए
मत सोचो प्रसाद भी लिए
फिर खाने को रेस्टोरेंट चल दिए
इतनी हंसी इतने ठहाके लगाए गए
कुछ अंजान कह अपने भी बताये गए
बात अब आखिरी पल की आ गए
हम निकल गए होटल को
पहुँच होटल हमने आराम किया
कल जाना है ये सोचकर विश्राम किया
अगली सुबह कुछ परिंदे उड़ चुके थे अब हमारी बारी थी
आज की सुबह कुछ हमपे भारी थी
हम भी मन मोड़ एअरपोर्ट चल दिए
थोड़ी लाचारी थोड़ी बेकरारी थी
बस करना था सफ़र......... पुणे का सफ़र.......
मिली सीट बीच में थोड़ा इंकार था
हवाओं के सफ़र से मुझे भी तो प्यार था
पहुँच एअरपोर्ट पटना में ही विश्राम किया
अगली सुबह स्टेशन की ओर प्रस्थान किया
सारी ट्रेन रद्द थी मेरे घर की
मैंने भी राह बदल ली अपने डगर की
ट्रेन की धक्का मुक्की से लड़ भागलपुर पंहुँचा
फिर अगली सुबह पकर ली बस आपने घर की
घर पहुँच कर थोड़ा आराम किया
यकिन मानों पुणे के सफ़र को फिर से याद किया
मेरे पुणे का सफ़र .........मेरे पुणे का सफ़र।