पत्थर से जिसको बनाया
पत्थर से जिसको बनाया
चमक है पिघलती बिजली
आकर नशीला नजारा चल ले जा।
सुन महफिल है सजी शाम बर्फीली
मिले मासूम होने की देख सजा।
खुले आम तारों से सजी रात बर्फीली
तन्हाई करे फरियाद सुन जा।
विरानों को आबाद कर जा बर्फीली
सादगी की कयामत देख जा।
ऐसी बरसात हैं थमी चली बर्फीली।।
