STORYMIRROR

Rekha Shukla

Drama

1  

Rekha Shukla

Drama

पत्थर से जिसको बनाया

पत्थर से जिसको बनाया

1 min
792


चमक है पिघलती बिजली

आकर नशीला नजारा चल ले जा।


सुन महफिल है सजी शाम बर्फीली

मिले मासूम होने की देख सजा।


खुले आम तारों से सजी रात बर्फीली

तन्हाई करे फरियाद सुन जा।


विरानों को आबाद कर जा बर्फीली

सादगी की कयामत देख जा।


ऐसी बरसात हैं थमी चली बर्फीली।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama