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Rekha Shukla

Abstract

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Rekha Shukla

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निवाले

निवाले

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यूँ तो प्यारे होते हैं पापा पर सबसे प्यारी होती हैं मां

दूर दूर परियों के देश लेजाके निवाले खिलाती हैं मां

बारिश मे डूबी नैया, और खड्डॅ में फंसे पांव

दिल क्या सहे टूट टूट कर, लहू ने दिये घाव! 


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