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Alka Soni

Comedy

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Alka Soni

Comedy

पति का बटुआ

पति का बटुआ

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हर पत्नी का अधिकार

होता है 'पति का बटुआ'

कितना भी कमा ले वो,

जब तक बटुआ हाथ न आये,

तब तक कुछ भी रास न आये।


जैसे माँ की 'रसोई' खुली

होती है उसके लिए हमेशा।

जब जो चाहे, निकाल

सकती है वो।


वैसा ही कुछ अधिकार,

होता है पति के बटुए पर।

थोड़ा कुनमुनाना, थोड़ी नोक-झोंक,

हिसाब मांगना पति का।


मीठा लगता है ये सब

रिश्तों को थोड़ा और नजदीक

ले आता है 'पति का बटुआ'।


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