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Bhawna Kukreti

Abstract Romance Tragedy

4.8  

Bhawna Kukreti

Abstract Romance Tragedy

पता है तुम्हें?

पता है तुम्हें?

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तुम्हें पता है 

हमारा प्रेम इतना 

अस्त व्यस्त 

क्यूँ रहता है ? 


मुझे लगता है

तुम मुझसे नहीं 

मेरी छवि से प्रेम करते हो

जो तुमने अपने

मन अनुसार गढ़ी है।


मैंने पाया है

जब जब मेरा 

व्यक्तिव प्रभावी होता है,

तुम असहज 

हो जाते हो।


इसलिये कहती हूँ

प्रेम नहीं ये 

सिर्फ लगाव है,

लगाव जो तब तक रहता है 

जब तक उसमें 

मन को लुभाने की क्षमता है।


तुम बता देना

जब मेरी 

छवि की क्षमता 

समाप्त लगने लगे तुम्हें,

मैं आऊंगी,

तुम्हारी गढ़ी छवि को

अपने व्यक्तिव से,

आहूति देने

अंतत: तुमसे 

विदा होने।


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