पता है मुझे
पता है मुझे
अनसुलझा हुआ सा हूँ
थोड़ा सुलझा दो मुझे भी
कहीं खोया हुआ सा हूँ
खुद से मिला दो मुझे भी
नहीं मिला पाओगे मुझे
मुझ मे ही डूब जाओगे
हां पता है मुझे....
वो साथ मेरे यूँ चलना तेरा
हाथों में हाथ मेरे रखना तेरा
वो हँसी पे यूँ हँसना तेरा
भूल गयी हो तुम सब
हाँ पता है मुझे...
घने कोहरे में मचलना तेरा
बारिश पे भींग जाना तेरा
वो आँखों में आँख डालना तेरा
खो गयी हो तुम कहीं
हाँ पता है मुझे...
अनसुलझा ही सही
सुलझा दो मुझे
हकीक़त में ना सही
ख़्वाबों में फिर
वैसे खुद से मिलवा दो मुझे
नहीं कर पाओगी तुम
हाँ पता है मुझे...