परवरिश
परवरिश
परवरिश जो बीजों की
इस कदर की होती....
शाखों को फूलों की
हिफाज़त सिखाई होती....
तो फूलों को यूँ
काँटों के बीच
ना रहना होता...
खूबसूरती को यूँ
चुभन का दर्द ना सहना होता...
ना किसी बेटी में
दहशत होती..
तन्हा रातों में राहो में...
जो बेटों को हर बेटी
की हिफाज़त सिखाई होती.....