प्रपोज डे
प्रपोज डे
हुआ था मुझे भी
बड़े शिद्दत से प्यार
दिल भी हुआ बेकरार
किया करती थी इंतजार
जब किया उन्होंने इज़हार
घबराकर कर दिया इनकार
दिल उनका घायल हुआ
टूट गया विश्वास
उन्होंने छोड़ कर मेरी आस
कर लिया दूसरे से प्यार ...
तब हुआ मुझे इस बात का एहसास
खोकर उन्हें रोई जार जार .........
वक्त गुजरने के बाद सब है बेकार
करूं चाहें इकरार या दे दूं जान
लुट चुका था मेरा ज़हान .............।