STORYMIRROR

Sonam Kewat

Inspirational

4  

Sonam Kewat

Inspirational

प्रकृति

प्रकृति

1 min
453

धरती माँ के हाथों ने

बड़े प्यार से मुझे बनाया था,

पेड़-पौधों और जीवों के मिश्रण से

इस प्रकृति को सजाया था।


सपनों जैसा ही दृश्य था जो

हरियाली में पंछी अक्सर उड़ते थे,

वर्षा और बादल के बीच में

इन्द्रधनुष भी दिखाई पड़ते थे।


किसी रोज अनमोल प्रकृति में

लोग पशु-पक्षी से बातें करते थे,

हवा, पानी, धूप, मिट्टी में रहकर

सभी बीमारी से दूर रहते थे।


घड़ी आ गई है जाने कैसी

अब इन्सानों से ही डर लगता है,

धरती की प्रकृति को नष्ट करके

वो कैद घरों में रहता हैl


पेड़ कटा फर्नीचर बना

हवा भी जहरीले गैस बने,

नदियों का पानी सैलाब बना

जल तो प्रदूषण के प्रकार बने।


खत्म हो गई गर प्रकृति सारी तो

तू एक दिन पछताएगा,

आज अंत हुआ मेरा तो,

कल तेरा भी अंत समय आएगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational