प्रकृति है नाराज
प्रकृति है नाराज


जो हम कर रहे हैं आज,
उससे प्रकृति है नाराज।
कल का सोचना बंद करो,
पहले प्रकृति को बचाओ आज।
पृथ्वी पे है हाहाकार मचाया,
पैसा तुमको इतना भाया।
प्रकृति को ना करो नाराज,
प्रयासचित् करो तुम आज के आज।
जो हम कर रहे हैं आज,
उससे प्रकृति है नाराज।
कल का सोचना बंद करो,
पहले प्रकृति को बचाओ आज।
पृथ्वी पे है हाहाकार मचाया,
पैसा तुमको इतना भाया।
प्रकृति को ना करो नाराज,
प्रयासचित् करो तुम आज के आज।