गोली भी रोया फौजी के सीने में जाके
गोली भी रोया फौजी के सीने में जाके
रोया तो होगा वो गोली भी उस फौजी को सीने से लगा के,
खुशनसीबी है ये मेरी जो मैं मिला हूँ तुझसे आके।
कहती थी उन माँ की बूढ़ी आँखें,
जी करता है मिल आती उसे एक बार गले लगा के।
कैसे कहूँगा उस माँ से जाके,
तुझसे पहले मैं ही मिल लिया उसे सीने से लगा के।
सह लूंगा मैं तेरे माँ के ताने,
मैं भी धन्य हो जाऊंगा उस माँ के चरणों में जाके।
क्या खूब बलिदानी हैं उस घर के लोग,
तुझ जैसा फौजी पा के।