किसान
किसान


खेतों मे बसते जिनके जान,
कहते हैं हम उनको किसान।
हम कहते तो हैं जय जवान जय किसान,
क्या सच में करते हैं उनका इतना सम्मान।
जो देते हैं हमें गेहूँ और धान,
आज तड़पके दे रहे हैं अपनी जान।
करते हैं वो कितना बलिदान,
आओ हम सब भी ले ये जान।
जिनको न हैं बिल्कुल अभिमान,
कहते हैं हम उन्हें किसान।
आओ मिलकर करें उनका सम्मान,
नारा लगाके जय जवान जय किसान।