बचपन
बचपन


आज हमें ये समझ में आया,
कितना सुंदर है ये बचपन।
कितने खुश रहते थें हम,
सोचते ही ख़ुश हो जाता है मन।
दिन भर खेला कूदा करते,
दौड़ लगाते पूरे आँगन।
हमको तो था बस मस्ती करना,
चाहे गर्मी हो या सावन।
आज हमें ये समझ में आया,
कितना सुंदर है ये बचपन।
कितने खुश रहते थें हम,
सोचते ही ख़ुश हो जाता है मन।
दिन भर खेला कूदा करते,
दौड़ लगाते पूरे आँगन।
हमको तो था बस मस्ती करना,
चाहे गर्मी हो या सावन।