" प्रियतम का साथ "
" प्रियतम का साथ "
हमारे प्रियतम
भी तो नहीं
आ पाए !
शायद कहीं
लॉक डाउन
के शिकार
तो ना हो गए !!
होली में कहकर
गए थे
बस यूँ गए यूँ आये !
फैक्ट्री की
नौकरी ठहरी
जब मन किया
चले आये !!
उन्होंने मेरे कानों
में कहा था
जाते -जाते !
सौगात बहुत लायेंगे
आते आते !!
सपने तो सपने हैं
हम सब दिन
देखा करते थे !
सुनी -सुनी रातों में
हम उनसे बातें
करते थे !!
अचानक हमारी
उनसे
मोबाइल
पर बातें हुईं !
जो शंका थी
वही बातें हुईं !!
लॉक डाउन के
कहरों ने
उनके कामों को
बंद किया !
बंद हुई
फैक्टरियां सारी
सड़क पे लाके
छोड़ दिया !!
हम आज तलक
उनकी राहें
निहार रहें !
आजायें प्रियतम
केवल मेरे ही
साथ रहें !!
