परिवर्तन की मिशाल
परिवर्तन की मिशाल
जनादेश को सर चढ़ाकर,परिवर्तन की मशाल जलाकर,
वंशवाद को खतम करके रुख बदलने आया हूँ ।
निर्वाचन नें सौंपा मुझको सुकान भारत माता का,
छप्पन इंच का सीना मेरा, डर भगाने आया हूँ।
वडनगर से निकला हूँ राजपथ का नायक हूँ,
विश्व नक्शे में छुपे देश को ऊपर उठाने आया हूँ।
चाय बेचकर बसर किया, सत्ता का कोई मोह नहीं,
काले धन पे लगाम कसकर जी एस टी को लाया हूँ।
लालचौक पर खड़े होकर, ऐलान ये कर सकता हूँ,
कश्मीरी पंड़ितों को उनका हक दिलवाने आया हूँ।
जनधन,आधार,बेटी की शिक्षा यही मेरा अरमान है,
स्वच्छ भारत, विकास से देश में हरियाली लाने आया हूँ।
सारे भारतवासियों के दिल में विकास की ललक जगायी है,
बूलेट ट्रेन के सपनें को उड़ान भराने आया हूँ।
संसद की दहलीज पर जब से कदम रखे हैं मैंने,
आतंकवाद को जड़ से नेस्तनाबूद करने आया हूँ।
भारत माँ की लाज कभी, दुश्मन के आगे नहीं झुकेगी,
अमर तिरंगे की शान को ऊपर उठाने आया हूँ॥
