Sudhirkumarpannalal Pratibha
Abstract Inspirational
तुम
दूर हो
बहुत
सात
समंदर
पार हो
फिर भी
प्रेम
इतर
मात्र
भी
कम
न हुई
क्या
ऐसा
ही
होता है
प्रेम।
रिश्ते होते ह...
प्रेम समझ से ...
रिश्ता अतुलनी...
जीवन की मंजिल
सार्थक जीवन
बचपना
तुम प्रेम हो ...
प्रेम के गर्भ...
प्रेम अमर है
प्रेम से परे
बचपन में छोड़ गए ध्रुव तारे के लिए कभी-कभी थोड़ा ज्यादा ही। बचपन में छोड़ गए ध्रुव तारे के लिए कभी-कभी थोड़ा ज्यादा ही।
राम - रावण जुड़ा है रा से, दोनों में ही प्रकाशमान। राम - रावण जुड़ा है रा से, दोनों में ही प्रकाशमान।
खट्टी मीठी नमकीन सी बचपन की कुछ यादें हैं! खट्टी मीठी नमकीन सी बचपन की कुछ यादें हैं!
बस जब हो संध्या जीवन की मिले पनाह मणि कर्णिका की। जो मिले जन्म दोबारा तो हो धरा काशी बस जब हो संध्या जीवन की मिले पनाह मणि कर्णिका की। जो मिले जन्म दोबारा त...
पापा वो जो बनते मलहम हमारे हर घाव पे सदा ! पापा वो जो बनते मलहम हमारे हर घाव पे सदा !
निगाहें अश्कों में ही तर रही है! यादें दिल पे देती नश्तर रही है निगाहें अश्कों में ही तर रही है! यादें दिल पे देती नश्तर रही है
नादान लड़कियां ऐसी ही होती है दिल की भोली होती हैं। नादान लड़कियां ऐसी ही होती है दिल की भोली होती हैं।
गुजरात के हैं लाल, चमक सजे है भाल, भारती के ललना जी, सरदार प्यारें है। गुजरात के हैं लाल, चमक सजे है भाल, भारती के ललना जी, सरदार प्यारें है।
कलम की ताकत को पहचान, यह है लोकतंत्र की जान। कलम की ताकत को पहचान, यह है लोकतंत्र की जान।
सुबह की वह नींद मीठी प्यारी अति लगती हमें। छुड़वा देता बिस्तर हमें डांट-नाराजी का डर सुबह की वह नींद मीठी प्यारी अति लगती हमें। छुड़वा देता बिस्तर हमें डांट...
मैं "अजनबी", अजनबी ही रहना चाहता हूँ क्योंकि? होता हूँ जब तन्हा तो जी भर के रोना चाहता मैं "अजनबी", अजनबी ही रहना चाहता हूँ क्योंकि? होता हूँ जब तन्हा तो जी भर के र...
निगाहों पर जमाने ने पहरे लगा रखे हैं कि क्या रिश्ते तुमसे गहरे लगा रखे हैं। निगाहों पर जमाने ने पहरे लगा रखे हैं कि क्या रिश्ते तुमसे गहरे लगा रखे हैं।
मुझे दिल से निकाला जा रहा है। मिरा अब ख़त जलाया जा रहा है। मुझे दिल से निकाला जा रहा है। मिरा अब ख़त जलाया जा रहा है।
फिर लिखने में, क्यों न कुछ खास हो ? फिर लिखने में, क्यों न कुछ खास हो ?
सफलता है अंततः खुद से प्रेम निज आत्मा की संतुष्टि अपनी आँखों में अपना मोल। सफलता है अंततः खुद से प्रेम निज आत्मा की संतुष्टि अपनी आँखों में अपना म...
तो जरुर ही चुका देना। माता-पिता के आशीर्वाद से जीवन सफल बना लेना। तो जरुर ही चुका देना। माता-पिता के आशीर्वाद से जीवन सफल बना लेना।
उम्र गुज़र गई यह समझने समझाने में; वक़्त तो ठहरा रहता है गुज़रते हैं हम! उम्र गुज़र गई यह समझने समझाने में; वक़्त तो ठहरा रहता है गुज़रते हैं हम!
अब अपने जिंदगी के हर फैसले मैं खुद ब खुद करूंगी! अब अपने जिंदगी के हर फैसले मैं खुद ब खुद करूंगी!
श्वेत परिधान में जो आज है सजा हुआ व्योम उर पर दीप सा जो जड़ा हुआ। श्वेत परिधान में जो आज है सजा हुआ व्योम उर पर दीप सा जो जड़ा हुआ।
हाँ, अगर वह प्रश्न अस्तित्व से जुड़ा हो, समाज और इंसानियत से जुड़ा हो। हाँ, अगर वह प्रश्न अस्तित्व से जुड़ा हो, समाज और इंसानियत से जुड़ा हो।