Sudhirkumarpannalal Pratibha

Romance

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Romance

तुम प्रेम हो मेरी

तुम प्रेम हो मेरी

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खयालों

के

भीतर

हो

यादों

के

भीतर

हो

सोच

के

भीतर

हो

धड़कन

के

भीतर

हो

रोमरोम 

में

तुम

हो

मन

में

तुम

हो

जहां 

कुछ 

भी

नहीं

वहां 

तुम

हो

तुम

जहां

हो 

मेरी

सर्वस्व 

हो 

मेरी 

तुम

प्रेम

हो

मेरी।



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