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Vinod kumar Jogi

Abstract

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Vinod kumar Jogi

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लौह पुरुष सरदार पटेल

लौह पुरुष सरदार पटेल

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गुजरात के हैं लाल,

चमक सजे है भाल,

भारती के ललना जी,

सरदार प्यारें है।


जन संगठित किया,

एकता का पाठ दिया,

भारत में अखंडता,

उनके सहारे है।


लौह पुरुष की छवि,

चमके हैं ज्यों हो रवि,

सिंह सी दहाड़ लिए,

नयन के तारे हैं।


गाँधी जी के अनुयायी,

सत्य पथ के थे राही,

दृढ़ता हृदय लिए,

निज प्राण वारे हैं।


एकता की मूर्ति बने,

छप्पन का सीना तने,

विश्व कृतिमान रचे,

बदले नजारे हैं।


मन मृदु भाव लिए,

सरल स्वभाव लिए,

विश्व पटल पर वे,

चमके सितारे हैं।


गुजरात के हैं लाल,

चमक सजे है भाल,

भारती के ललना जी,

सरदार प्यारें है।


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