सफलता
सफलता
सफलता नहीं
वृहद् सार्वजनिक छवि,
हज़ारों आँखों में पहचान
या कि
तड़क-भड़क, प्रभावशाली झलक,
धन का अतुल भण्डार ।
सफलता है
आत्मसंतुष्टि, और पूर्णता का भाव
वह है रातों की नींद ।
और चाहे जो कुछ भी हो सफलता,
वह नहीं निद्रालोप,
अपितु वह है मन की शांति ।
सोचते हैं हम
सफलता है किस ऊँचाई पे पहुँचे हम,
या कि किस सामाजिक तबके में है
उठ-बैठ हमारी ।
सफलता है अंततः
खुद से प्रेम,
निज आत्मा की संतुष्टि,
अपनी आँखों में अपना मोल।
