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Deepaben Shimpi

Romance

4  

Deepaben Shimpi

Romance

प्रेम रंग

प्रेम रंग

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प्रेम का रंग जो चढ़ा, अमिट है उसकी छवि,

हर धड़कन में गूंजे, ये मधुर संगीत कभी।

अधरों पर मुस्कान हो, मन में मीठी चुभन,

प्रेम के इस सागर में, हर पल नव जीवन।


रंगों से सजी होली, या सावन की बौछार,

प्रेम का रंग सजीव है, सजीले उसके हार।

सूरज की पहली किरण, चांदनी की शीतलता,

हर रूप में झलकता, प्रेम की निर्मलता।


नज़र से नज़र मिले तो, दुनिया थम सी जाए,

सांसों के संग चलती, दिल की धड़कन सुनाए।

स्पर्श की वो गर्मी, मन की तड़प अनोखी,

हर एहसास में बसे, प्रेम की गाथा मोती।


बारिश की बूंदों में, धरती की वो खुशबू,

प्रेम का रंग भर दे, जीवन में नई आरज़ू।

हवा के हर झोंके में, प्रकृति की बात सुनो,

प्रेम के इस सागर में, खुद को नया चुनो।


कभी ये मीठा अमृत, कभी तपता ज्वाल,

प्रेम का रंग निराला, जीवन का कमाल।

सुख-दुख का साथी, ये अनमोल खजाना,

हर मनुष्य के दिल में, प्रेम का ठिकाना।


दूरियां भी मिट जाएं, जब प्रेम पास हो,

हर कठिनाई आसान, जब विश्वास खास हो।

बिना शब्दों के भी प्रेम, बातें हजार करे,

हर हृदय को प्रेम, अपनी राहों से भरे।


सूरज के डूबने पर, जो चांदनी संग रहे,

प्रेम वही सच्चा, जो हर पल संग बहे।

रंगों से सजी दुनिया, प्रेम से ही बसती है,

हर कोने में प्रेम की रोशनी चमकती है।


तो आओ, इस रंग में खुद को रंग लो,

प्रेम के स्पर्श से अपना मन संग लो।

हर पल को सजाएं, इस अमर गान से,

जीवन की हर राहें भरें, प्रेम की पहचान से।


ये प्रेम ही है जो अंधकार को रोशनी देता,

जीवन के हर रंग को नई चमक देता।

आओ इस रंग में, खुद को डुबो दें,

प्रेम का उत्सव हर दिल में बो दें।




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