प्रेम और मूछें
प्रेम और मूछें
जब प्रेम था तब मूछें नहीं थी, और जब मूछें हैं तो प्रेम नहीं.... ये शोध का विषय है।।
प्रेम के होने न होने में दाढ़ी मूंछों के संबंध पर एक गहन शोध होना ही चाहिए।।
प्रेम का वही पुराना पैमाना केवल सरकारी नौकरी, बंगला, गाड़ी का होना बेमानी सा लगता है।।
मूछों के होने न होने पर ही नहीं बल्कि
प्रेम का मापन मूछों के रंग, मूछों के आकार प्रकार
और सघनता के आधार पर भी करना चाहिए।।
ये शोध सालों से तेरे नाम कट बाल, पुष्पा स्टाइल
और विराट कट दाढ़ी अपनाकर अपनी प्रेमिकाओं को खो चुके आशिकों में नई स्फूर्ति भर देगी
और रंगीन बाल करवाए, सर मुंडवाए, गोदन लगवाए मगर फिर भी
प्रेम में मात खाए आशिकों को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
—उजाड़ नगर के राजा साहिब की ओर से जनहित में जारी।।