अगली 26 जनवरी
अगली 26 जनवरी
सुनो मेरे यारों जब अगली 26 जनवरी पर मेरा पोस्टर लेकर रैली निकालो....
तब दो मिनट गांव के आख़िर छोर पर बनी झोंपड़ी पर रुक जाना....
मेरा नाम लेकर आवाज़ लगाना....
एक बुढ़िया बाहर आएगी, आधी झुकी कमर से एक थाली लेकर लाठी के सहारे....
अगर लाठी गिर जाए तो संभाल लेना यारों,
मेरी तस्वीर का पोस्टर ज़रा झुका सा देना उसके चरणों में...
कुछ लाल अर्चना, कुछ चावल हल्दी कुछ हलवा लगा कर पोस्टर खराब कर देगी....
अब शायद आंखो से कम दिखने लगा होगा,
आंसूओं में बहा चुकी है नयन बिंदु को....
तुम में से किसी को देखकर रो दे तो संभाल लेना...
बूढ़ी मां है मेरी..... यारों
धरती मां का फ़र्ज़ तो निभा दिया, मां का क़र्ज़ पड़ा है सर पे...
ज़रा सा बोझ बांट लेना....!!
अगली 26 जनवरी को जब मेरा पोस्टर लेकर जब रैली निकालो।।
